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Banda Milne ko karibe hazrat qadir gaya Hindi

बंदा मिलने को क़रीब हज़रत-ए-क़ादिर गया लिमा-ए-बातिन में गमने जलो-ए-ज़ाहिर गया तेरी मर्ज़ी पा गया सूरज फिरा उलटे क़दम तेरी उंगली उठ गई मह का कलेजा चर गया बढ़ चली तेरी ज़िया अंधेर आलम से घटा खुल गया गेसू तिरा रहमत का बादल घर गया बंध गई तेरी हुआ सावह में ख़ाक उड़ने लगी बढ़ चली तेरी ज़िया आतिश पे पानी फिर गया तेरी रहमत से सफ़ी्यु अल्लाह का बीड़ा पार था तेरे सदक़े से नजी्यु अल्लाह का बजरा तर गया तेरी आमद थी कि बैतु अल्लाह मुजरे को झुका तेरी हैबत थी कि हर बुत थरथरा कर गिर गया मोमिन उनका किया हुआ अल्लाह उस का हो गया काफ़िर उन से किया फिरा अल्लाह ही से फिर गया वो कि इस दर का हौवा ख़िल ख़ुदा उस की हुई वो कि इस दर से फिरा अल्लाह इस से फिर गया मुझको दीवाना बताते हो में वो होशयार हूँ पांव जब तौफ़-ए-हर्म में थक गए सर फिर गया रह लि्इल॒अअ लमी आफ़त में होऊं कैसी करूँ मेरे मौला में तो इस दिल से बुला में घर गया मैं तिरे हाथों के सदक़े कैसी कंकरीयां थीं वो जिनसे इतने काफ़िरों का दफ़ातन मुंह फिर गया क्यों जनाब-ए-बूओहुरीरा था वो कैसा जाम-ए-शेर जिससे स्तर सअहबों का दूध से मुंह फिर गया वास्ता प्यारे का ऐसा हो कि जो सनी मि...