शैअल - लिल्लाह या अब्दुल कादिर
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल कादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
इधर भी निगाहे - करम ग़ौसे - आज़म
करो दूर रंजो - अलम ग़ौसे - आज़म
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
खिलाता पिलाता है रब्बे - दो आलम
तुझे दे के अपनी कसम गौसे - आज़म
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
मुझे ख़्वाब में आके जलवा दिख़ा दो
करो आज की शब करम गौसे - आज़म
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
तेरा हूँ मैं तेरा मेरे इस कहे का
सरे - हश्र रखना भरम ग़ौसे - आज़म
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
कहीं गिर न जाऊं , ख़ुदारा संभालो
मेरे डगमगाए क़दम ग़ौसे - आज़म
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
बहोत चुभ रहा है ख़ुदारा निकालो
मेरे दिल से तीरे - अलम ग़ौसे - आज़म
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
तुम्हारे ही दर का रहूं मैं भिकारी
नहीं ख्वाहिशे - तख्ते - जम गौसे - आज़म
शैअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
जिला पाएगा दिल उबैदे - रज़ा का
ज़रा रख दो अपना क़दम गौसे - आज़म
शेअल - लिल्लाह या अब्दुल क़ादिर
साकिन अल - बग़दाद , या शैख़ अल - जीलानी
Comments
Post a Comment