*वैलनटाइन डे Velentine day) का पस-ए-मंज़र और इस के नुक़्सानात ــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــ * वैलनटाइन डे का पस-ए-मंज़र बयान किया जाता है कि एक पादरी जिसका नाम वैलनटाइन था तीसरी सदी ईसवी में रूमी बादशाह क्लॉड यस सानी के ज़ेर हुकूमत रहता था, किसी ना-फ़रमानी की बिना पर बादशाह ने पादरी को जेल में डाल दिया, पादरी और जेलर की लड़की के माबैन इशक़ हो गया, यहां तक कि लड़की ने इस इशक़ में अपने मज़हब को छोड़कर पादरी का मज़हब नुस्रानीयत क़बूल कर लिया। अब लड़की रोज़ाना एक सुर्ख़ गुलाब लेकर पादरी से मिलने आती थी। बादशाह को जब इन बातों का इलम हुआ तो उसने पादरी को फांसी देने का हुक्म सादर कर दिया। जब पादरी को इस बात का इलम हुआ कि बादशाह ने इस को फांसी का हुक्म दे दिया है, तो उसने अपने आख़िरी लमहात अपनी माशूक़ा के साथ गुज़ारने का इरादा किया, और इस के लिए एक कार्ड उसने अपने माशूक़ा के नाम भेजा। जिस पर तहरीर था "मुख़लिस वैलनटाइन की तरफ़ से बिलआख़िर14 फरवरी को इस पादरी को फांसी दे दी गई। इस के बाद से हर14 फरवरी को ये मुहब्बत का दिन इस पादरी के नाम वैलनटाइन डे के तौर पर मनाया जाता है वैल...
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